
नई दिल्ली: भारत को अंततः रुपया के लिए एक प्रतीक मिल गया है और वो उन देशो के क्लब में शुमार होगया जिनकी पहचान उनकी अद्वितीय मुद्रा के प्रतीक से होती है .
गुरुवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने डी उदय कुमार के इस डिजाईन को हरी झंडी दिखा कर भारत को उन देशो की श्रेणी में ला खड़ा किया है जहाँ उनकी पहचान अंतराष्ट्रीय स्तर पर उनकी मुद्राओ को लेकर होती है .
इस डिजाईन में जहाँ देवनागरी का "र" शामिल हैं वहीँ रोमन का R भी मोजूद है , ऊपर दी गयी दो समानांतर रेखाएं तिरंगे का प्रतीक है जो डी उदय कुमार ने कई महीनो की मेहनत का रूप है
नई दिल्ली में सूचना और प्रसारण अंबिका सोनी ने कहा की " मैंने इसका चयन इसीलिए किया क्योंकि यह भारत के एक ऐसे रूप को दर्शाता है जो सशक्त , स्वस्थ और अन्तराष्ट्रीय स्तर पर अपनी एक अलग पहचान की छाप छोड़ेगा.यह भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती का प्रतीक माना जाएगा .यह उदय कुमार के द्वारा भेजा गया है." उनोहने यह भी कहा कि रुपया का ये प्रतीक आधुनिकता और भारतीय संस्कृति का एक अच्छा मिश्रण किया गया था
चयनित प्रतीक बंबई आई आई टी के छात्र डी उदय कुमार के द्वारा डिजाइन किया गया था और इस प्रतीक को पाँच छोटे सूचीबद्ध प्रतीकों में से चुना गया था .मुद्रा प्रतीक कि इस प्रतिस्प्रधा में ३००० के करीब डिजाईन आये और उन सभी को पीछें छोड़ते हुए उदय कुमार को इस डिजाईन के लिए २.५ लाख रूपए की राशि इनाम में मिली है.
"मेरे डिजाइन पर तिरंगे के बीच में शीर्ष और सफेद स्थान पर दो लाइनों के साथ आधारित है मैं चाहता था कि रपय का ये प्रतीक भारतीय ध्वज का प्रतिनिधित्व करे .. यह भारतीय और रोमन अक्षरों का एक सही मिश्रण है:, कुमार ने कहा कि "देवनागरी और रोमन का यह मिश्रण अंतरराष्ट्रीय और भारतीय दर्शकों को अपील करेगा कई महीनो कि मेहनत के बाद मैंने 10 डिजाइन तैयार किये और उसके बाद कई फेर बदल करने के बाद मैंने इस डिजाईन का चयन कर आगे भेजा ."
हालांकि ये प्रतीक मुद्रा नोट या सिक्कों पर प्रिंट नहीं किया जायेगा बल्कि ये यूनिकोड' मानक और दुनिया के प्रमुख लिपियों में सुनिश्चित करने के लिए है ताकि यह आसानी से इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया में प्रदर्शित किया जा सके .
यूनिकोड एक अंतरराष्ट्रीय मानक है जो विश्व स्तर पर टेक्स्ट डाटा कि लेन देन को अनुमति देता है.
ये प्रतीक देश में छह महीने की अवधि में अपनाया जाएगा, और दुनिया भर में 18 से 24 महीने के भीतर . सोनी ने बताया कि यह जल्द ही कंप्यूटर के कीबोर्ड और दुनिया भर में इस्तेमाल हो रहे सॉफ्टवेयर पर भी उपलध होजायेगा .
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